प्राचीन समय की बात है, जब एक बड़े से राजा ने अपने राज्य के सुरक्षा सिपाही को एक, महत्वपूर्ण चुनौती दी।
बादशा का मकसद यह था कि वह यह जान सके कि कौनसा सिपाही सवालों के सही उत्तर देने के लायकऔर सहासी है , ताकि उसे राज्य का संरक्षक बनाया जाए।
रुन्जन नामक एक पहरेदार, अपनी बुद्धि और निर्णय की कहानी से प्रसिद्ध था। उसने यह फैसला किया कि वह इस चुनौती को स्वीकार करेगा और सवालों के उत्तर केलिए एक अजीब दुनिया के सफर पर निकलेगा।
जब रात को रुनजन ने अपनी पत्नी को इस रोमांचक सफर के बारे में बताया तो, उसकी पत्नी के मन में कुछ विचार आने लगे, रुनजन ने उसकी पत्नी के चहरे पर रहस्मय चिंता देखी .
उसने उससे पूछा क्या हुआ ? पत्नी ने अपने मन में आने वाले विचारों को अभी न बताने का फैसला किया
और रुन्जन को कहा : मैं जो सोच रही हूँ अगर वैसा ही है तो, मैं तुम्हे ये बात कल सुबह बताऊंगी. अभी तुम सोजाओं, सुबह होते ही रुन्जन राजा के रहस्यमय सवालों के समाधान तलाश ने के लिए अपनी रोमांचक मगर कठिन यात्रा पर निकल गया, जैसे ही वो गाँव से बाहर निकला उसने मौसम में कुछ अचंभित कर देने वाला बदलाव देखा, तेज़ धूप के साथ तेज़ बारिश होने लगी तभी सामने से उसे एक सुनहेरी घोड़ा दिखाई दिया.
वो कुछ समझ पाता कि घोड़ा हिन् हिनाते हुए उसके पास पहुँच गया, घोड़े के पास आते ही बारिश रुक गई और धूप के साथ बादल गहरे होने लगे , घोड़े ने उससे कहा कि राजा की पहलियों के जवाब खोजना इतना सहज काम नहीं है जितना आप समझ रहे हो, मैं राजा की पहेली पूछने के पीछे का राज़ जानता हूँ और ये राज़ तुम्हारी पत्नी भी जानती है लेकिन इस राज़ को तुम्हे तुम्हारी पत्नी ही बता सकती है मैं नहीं और फिर घोड़ा कहने लगा चलो मैं एक ऐसी अद्भुत दुनिया जानता हूँ जहां तुम्हे तुम्हारे सवालों का जवाब मिल जायेगा.
रुन्जन ने कहा मैं तो खुद किसी हमसफर की तलाश में था, मैं तुम्हारे साथ ज़रूर चलूँगा लेकिन मेरी एक शर्त है, तुम किसी भी पहेली का जवाब पता चलने पर मुझे उसका समाधान तब तक नहीं बताओगे, जब तक में खूटी न बोलूं , घोड़ा, हिन् हिनाया और दोनों तेज़ी से एक विशाल अद्भुत से संसार की तरफ निकल गए, सबसे पहले उन्हें एक चांदी का हंस दिखाई दिया,
सुनहेरी से सुंदर घोड़े ने मुस्कुराते हुए रुन्जन से कहा ये चाँदी का हंस ज़रूर है लेकिन, इस संसार के चतुर पक्षियों में से एक है, ये भी बड़ा ही सूझबूझ दिमाग़ वाला पक्षी है, तुम इससे तुम्हारे प्रश्नों के उत्तर जान सकते हो,
लेकिन याद रखना इस संसार का नियम यह है कि तुम एक समय में किसी एक जानवर से केवल, एक ही सवाल के जवाब को हासिल कर सकते हो.
अब रुन्जन के मन में यहाँ एक दुविधा थी कि इन सात सवालों में से पहले कौन सा सवाल पूछे ? सबसे कठिन या सबसे आसान ? घोड़े ने उसे सुझाया कि अगर तुम ये सोच रहे हो कि तुम इससे सबसे कठिन सवाल पूछोगे और वो तुमको इसका जवाब दे देगा तो तुम गलत हो और, अगर तुम ये सोच रहे हो कि तुम इससे सबसे आसान सवाल को पहले हल करवालोगे तो फिर तुम सही हो.
इससे पहले कि रुन्जन हंस से कुछ कहता, हंस उड़ता हुआ रुन्जन के पास आ गया,
और रुन्जन से कहने लगा
मैं जानता हूँ तुम इस सफर पर क्यों आये हो,
लेकिन तुम नहीं जानते कि राजा का उद्देश्य तुम्हे इस सफर पर भेजने का क्या है ?
लेकिन हाँ, तुम्हारी जीवन साथी इस राज़ के बारे में जानती थी, पूछलो जो कुछ पूछना है, लेकिन मैं एक ही सवाल का उत्तर तुम्हे दे सकता हूँ हंस की इनबातों को सुनकर,रुंजन चौंक गया. ये क्या हो रहा है, सबसे पहले मेरी पत्नी ने मुझसे कहा, कि वो इस बारे में कुछ जानती है परन्तु मुझे बताया नहीं, फिर इस सुनहेरी घोड़े ने भी नहीं बताया आखिर माजरा क्या है ? अब हंस भी यही कह रहा है तो अब मैं इससे राजा का सवाल पूछूं या मेरे मन का ये सवाल कि वो राज़ क्या है जो मेरी पत्नी और तुम जानते हो ?
लेकिन तब हंस बोल पड़ा मैं तुम्हे ये राज़ तो नहीं बताऊंगा , अब, रुन्जन अचम्भे में पड़ गया, इतना बुद्धिमान Intelligent हंस, मैंने तो सपने में भी नहीं सोचा होगा. रुनजन ने अपने पहले और आसान सवाल को हंस के सामने रखा,
सवाल है कि राजा की प्रिय रानी का नाम क्या है?
लेकिन, इसके उत्तर के लिए एक शर्त है कि, उत्तर ऐसा हो कि किसी भी दूसरी रानी को इसे सुनकर मन में कोई ठेस न पहुंचे.
हंस मुस्कुराया और बोला मेरे पास इसका उत्तर है, परन्तु उत्तर सुनने से पहले ये एक नसीहत सुनलो,
जब भी किसी समस्या का समाधान ढूँढना हो तो उसे अलग अलग कोण से देखना चाहिए,
राजा ने आपसे जो सवाल पुछा है, उसमें उन्होंने अपनी प्रिय पत्नी के बारे में नहीं पूछा,
बल्कि प्रिय रानी के बारे में उत्तर जानना चाहा है , इस तरह के सवाल का व्यापक अर्थ हो सकता है, यहाँ तीन बिंदु हैं, पहला किसी भी देश की रानी, दूसरा राजा की पत्नी में से कोई रानी, तीसरा राजा की माता रानी.
तो इसका जवाब है "राजा की माता उसकी सबसे प्रिय रानी है."
हंस के इस जवाब को पाकर रुनजन हैरत में पड़ गया, और बोला इस विचित्र ~ दुनिया का ये प्राणी कितना intelligent बुद्धिमान है ,
Part 2
सुनहेरी घोड़े पर सवार हो कर अब रुनजन आगे बढ़ने लगा, रस्ते में एक तालाब दिखाई दिया, तालाब के किनारे बहुत सुन्दर सुंदर मछलियाँ थीं, एक अजीबो गरीब मछली रुनजन को दिखाई दी, खूबसूरत चेहरे वाली ,
औरतों की तरह बात करने वाली , ये मछली उसके पास आई.
मैं तुम्हारी क्या खिदमत कर सकती हूँ, मुझे बताइए. पानी से निकल कर हवा में हिलते डुलते हुए, जब ये मछली रुनजन से बातें कर रही थी तब रुन्जन उसे देखकर आश्चर्य चकित रह गया, घोड़ा हिन् हिनाया और कहने लगा 7 में से 1 सवाल तुम पूछ चुके हो अब बचे 6 सवाल इनमें से कौन सा सरल सवाल है पहले तुम वही पूछो ,रुनजन ने घोड़े की तरफ देखा और कहा हाँ भई पूछता हूँ पूछता हूँ .
लेकिन मछली ने सवाल पूछने से पहले एक शर्त पेश की, मछली बोली - तुम हमारे मेहमान हो और बड़े ही थके हुए मालूम होते हो, इसलिए तुम्हे मेरे साथ, मेरे महल में चलना होगा, जो इस समुद्र की गहराई में है, सुनहेरी घोड़े और रुनजन दोनों ने इस दावत को स्वीकार किया और तालाब के नीचे, मछली के महल में , जाने केलिए तालाब में गोता लगा दिया.
मछली ने उनके चारों तरफ एक परत बनादी ताकि उन्हें पानी से कोई दिक्कत न हो जब घोड़ा और रुनजन महल में पहुंचे तो पता ये चला कि, ये मछली कोई साधारण मछली नहीं है, बल्कि ये अपने तालाब की रानी मछली है यहाँ बहुत सारी मछलियाँ और थीं , जो सब की सब इन दोनों की सेवा करने में लग गईं.
रानी मछली ने खुद अपने हाथ के बने भोजन को परोसा, भर पेट खाना खाने के बाद अब मछली बोली पूछिए तुम्हारा सवाल क्या है ?
रुनजन ने कहा ऐ प्यारी सी मछली बता ज़रा, बादशा की इस पहेली का जवाब, पहेली कुछ इस तरह है कि क्या है वो चीज़ जो रानी के पास है लेकिन रानी उसमें जा नही सकती,
राजा के सवाल को सुन्ने के बाद , मछली ज़ोर ज़ोर से हसने लगी और कहने लगी कि ये सवाल राजा का नहीं हो सकता , अवश्य ही ये सवाल तुम्हारे राजा से किसी रानी ने किया होगा, और उसका उत्तर राजा के पास भी नहीं होगा, ऐसे सवाल एक बादशा के नहीं अपितु रानी के ही मन में आ सकते हैं और जवाब भी रानी ही दे सकती है अब चूँकि मैं भी एक रानी हूँ तो मैं आपको अभी ही इसका जवाब दे देती हूँ, इसका जवाब है स्वप्न .
मछली का ये उत्तर सुनकर पहले तो घोड़ा ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा, तभी रानी मछली के साथवाली एक और मछली, ज़ोर से घोड़े पर चिल्लाई और बोली, ए सुनहेरी से खूबसूरत घोड़े तू क्यों हंस रहा है,
तभी रानी मछली बोली चिल्लाओ मत, मैं इनकी हसी का राज़ जानती हूँ,
रानी मछली बताई बात असल ये है कि, इसका जवाब मैंने झट से इसलिए दे दिया क्योंकि, मैं जानती हूँ की एक रानी की अपनी, सपनो की दुनिया होती है, लेकिन वो अपनी इस दुनिया में नहीं जा सकती,
तुम्हे मुझे देखकर क्या लगता है कि मैं ,एक रानी मछली हूँ तो मेरे कोई ख्वाब नहीं होंगे ? जबकि ऐसा नहीं है मैं भी अपने पास एक सपना रखती हूँ , मैं अपने सपने में देखती हूँ एक राजकुमार , जो बहुत ही सुंदर, दयालु और अचंभित कर देने वाला दिमाग रखता है, और देखती हूँ कि मैं इंसान रानी बन गई लेकिन , वही बात कि मैं अपनी इस दुनिया मैं नहीं जा सकती.
रानी मछली से इस सवाल का जवाब पाने के बाद , काला घोड़ा खड़ा हो गया ,और कहने लगा तुम जिस तरह दिखाई देती हो ठीक वैसी ही समझदार भी हो, यहाँ से आगे का सफर शुरू होता है. घोड़ा जैसे ही पहाड़ से नीचे उतरने लगा तो वहाँ उन्होंने इंसानों से हटकर दिखाई देने वाली बस्ती देखी,
जब वो वह पहुंचे तो उन्होंने देखा कि नीले बाल,और सुन्दर रंग रूप वाले बंदरों की ये बस्ती है, बस्ती में बने मकान हाथों से बने होने के बावजूद कुछ इस तरह दिखाई दे रहे थे मानो, इनमें कोई कमी न हो, तभी एक बंदर ज़मीन से उछल कर बाहर आ गया, सुनहेरी घोड़ा बिदक गया,
बंदर ने कहा डरते क्यों हो, हमें तुम्हारे आने की खबर लग चुकी थी, तुम बील्कुल भी मत घबराओं ,और मेरे साथ आओ, दोनों उस नीले बालों वाले बंदर के साथ चल पड़े, कुछ दूर चलने के बाद , एक जगह चारपाई पर बंदर ने उन्हें बैठाया और कहा रात हो चुकी है तुम आराम से सो जाओ हम सुबह बात करेंगे.
रुनजन को बड़े दिनों बाद चारपाई पर सोने का मौका मिला, वो अब अपनी पत्नी को याद कर रहा था,
अचानक से उसके मन में वही सवाल गूंजने लगा कि, आखिर बादशा और मेरे इस सफर के बीच का क्या राज़ है और मेरी पत्नी भी क्या इस में शामिल है, ये कुछ बात है जो समझ से परे है. उसने चाहा कि, काले घोड़े से पूछे लेकिन काला घोड़ा अब बैठ चूका था, और बैठे बैठे सो रहा था.
Part 3
सुबह हो चुकी थी, बंदरों की बस्ती में इंसानों जैसी चहल-पहल थी, नीले बालों वाला बंदर रुनजन के पास आया और कहा, चलो कुछ नाश्ता करलो, नाश्ते का सुनते ही घोड़ा उठ कर बैठ गया,
नाश्ता करने के बाद, बंदर बोला चलो मैं तुम्हे अपने राजा बदंर के पास लिए चलता हूँ, तुम जिस काम के लिए आये हो उसे वही अंजाम देंगे,
दोनों को, बंदर एक बड़े विशाल से महल में ले गया, महल सोने से बना हुआ था मेहराब में हीरे मोती जुड़े हुए थे,
सामने राजा बंदर बैठा हुआ था, रुनजन और घोड़े को बैठने के लिए उसने अपने पास बुला लिया,
अब बारी थी सवाल पूछने की,
7 सवाल में से 2 सवाल पूछे जा चुके थे, अब बचे 5 सवाल,
रुनजन के मन में झट से एक सवाल आ गया उसने कहा - बन्दर राजा! मैं अपने राजा के सात सवालों के जवाब को खोजने के लिए यहाँ आया हूँ ,
दो सवालों के जवाब के बाद, मैं तुमसे तीसरा सवाल पूछना चाहता हूँ , ज़रा बताओ हमारे "राजा का सबसे बड़ा सपना क्या है,"
बंदर ने जवाब देने से पहले पूछा, मुझे पहले ये बताओ कि इस आसान से सवाल के लिए, तुम इतनी दूर क्यों आये हो,
रुनजन कहने लगा राजा ने जो सवाल पूछे हैं,उसके उत्तर देने की ये शर्त है, कि अगर गलत हुए तो राजा इनाम के बजाये कड़ी सजा देगा, इस लिए मैंने सोचा कि मैं हर सवाल के जवाब को संसार भर की खोज कर के प्राप्त करूँ , तभी जा कर जवाब दूँ, बंदर बोल पड़ा कि अगर ऐसी बात है, तो तुम बिकुल ठीक कर रहे हो,
और तुम्हारे सवाल का जवाब ये है - अपने राज्य की प्रजा का सुखमय जीवन.
फिर उसने समझाया - कि एक राजा के बहुत सारे सपने होते हैं लेकिन , उसके सपने तभी पुरे हो सकते हैं, जब वो अपने राज्य को ठीक से चला पाए और अपने सिंहासन को बचा पाए, इसीलिए राजाओं का सबसे बड़ा सपना होता है "अपने राज्य के लोगों के लिए सुखमय जीवन" जब तक राज्य की प्रजा सुख में नहीं होती, तब तक कोई राजा अपना सपना पूरा नहीं कर सकता.
अब इस तीसरे जवाब को पाकर रुनजन बहुत खुश था, घोड़ा और वो अब आगे अपनी यात्रा के लिए निकल पड़े, रास्ते में घोड़ा कुछ ऐसी बातें करता, जिसे सुन रुनजन को अपने घर की याद आती रहती और इसी तरह सफर आगे बढ़ता गया, जैसे ही रुन्जन पहाड़ की ऊंची चोटी पर पहुंचा मानो बादल उनको छू रहे हो, वो बादलों की दुनिया दिखाई पड़ रही थी , दूर एक चीज़ तारे की तरह चमकती हुई नज़र आई सुन्हेरी घोड़ा फिर हिन् हिनाया और कहने लगा, वो जुगनू की दुनिया है और वो जुगनू परी है .
दोंनो उस परी के पास पहुंचे तारे की तरह टिमटिमाते हुए, झिलमिल करती लाइट के लिबास में, जुगनू परी सामने खड़ी थी, मुस्कुराते हुए चेहरे में रुनजन को न जाने क्यों अपनी पत्नी का चेहरा दिखाई दिया, बहरहाल ,
रुन्जन ने उस परी से कहा- क्या मैं तुमसे कुछ सवाल पूछ सकता हूँ,
परी ने मना करदिया और कहा कि नहीं, मैं तुम्हारे किसी सवाल का जवाब नहीं दे सकती,
ये बात सुनकर रुनजन निराश हो गया, तभी परी आगे बोलने लगी, लेकिन मैं तुम्हारी मदद फिर भी करना चाहूंगी,
इसके लिए मैं तुम्हे रस्ता दिखा सकती हूँ , क्योंकि आगे रस्ते में घेरा अँधेरा है जहाँ कोई नहीं जा सकता सिर्फ हम जुगनू ही जा सकते हैं , ये सुनकर रुन्जन की ख़ुशी आठवे असमान पर पहुँच गई, अब घोड़ा, रुनजन और जुगनू परी घेरे अँधेरे में जाने लगे, ये एक ही रस्ता था, जो इन्हें दूर की दुनिया का सफर करने के लिए पार करना था , रस्ते में बहुत सारे जुगनू दिखाई दिए जो टीम टीम कर रहे थे, अब यहाँ जुगनू परी की सीमा ख़त्म हो चुकी थी, और फिर उसने दोनों को अलविदा कहा और उड़ते हुए अपने किले की तरफ चले गई.
10 सवालों में से 3 सवालों के जवाब रुनजन को मिल चुके थे, अब ये दोनों सफ़ेद बादलों में, ऊँचे ऊँचे पेड़ों के बीच में से गुज़र रहे थे, दोनों ने इससे पहले इतनी खूबसूरत जगह नहीं देखी थी, जैसे ही वो आगे बढे, उन्हें एक सोने का ऊँट दिखाई दिया, वो उसके पास पहुंचे और इसकी सुन्दरता की तारीफ करने लगे तभी ऊँट हिनले डुलने लगा
रुनजन चौंक कर बोला ये क्या ? ये तो जिंदा है! ऊँट बोला ये अजीबो गरीब दुनिया है, यहाँ हर चीज़ तुम्हारे संसार से भिन्न दिखाई देगी और आगे बहुत कुछ अद्भुत है यहाँ पर चलो मेरे साथ,
फिर घोड़ा और रुनजन ऊँट के साथ साथ चलने लगे, कुछ दूर चलने के बाद, अचानक से कुछ खौफनाक आवाज़े सुनाई दीं, रुनजन पुरे सफर में कभी डरा नहीं था,
मैं सोचता हूँ वो इस समय क्या कर रही होगी? और क्या वो राज महल जाती होगी मेरे हाल चाल राजा से पता करने , या राजा खुद समय समय पर मेरे घर अपने सिपाही से मेरी पत्नी को मेरे बारे में बताते रहते होंगे,
रुजन अचानक से सुनहरी घोड़े से बोला हम इस विचित्र संसार में रहते हैं ,जहाँ अचंभित कर देने वाले कई यंत्र हमने देखे हैं ,क्या ऐसा कोई उपाय नहीं है कि मैं अपनी पत्नी से इस संसार में रहकर भी बात कर सकूँ ? या मैं उसे देख सकूँ कि वो क्या कर रही है?
घोड़ा हसते हुए , कहने लगा यार आईडिया तो तुम्हारा बड़ा अच्छा है लेकिन ये विचार तुम्हारे मन में पहले क्यों नहीं आया ? तब रुन्जन ने कहा ये विचार मेरे मन में इस संसार की विचित्र चीज़ों के देखने के बाद आया. वरना मैं तो ऐसी कल्पना भी नहीं कर सकता, तभी सुनहेरी घोड़े ने कहा ऐसा यंत्र इस अचंभित करदेने वाले संसार में है ,
लेकिन इसके लिए तुम्हे लाल हिरनी के पास चलना होगा, वो तुम्हे तुम्हारी पत्नी का हाल-चाल अपनी सींगो के बीच में दिखा सकती है, लेकिन एक समस्या है, हम इस संसार में रहते हैं जब यहाँ दिन होता है, तब तुम्हारे संसार में रात होती है और लाल हिरनी का महल रात को बंद हो जाता है वो तुम्हे इस संसार के समय चक्र के मुताबिक दिन में ही तुम्हे दिखा सकती है परन्तु उस समय तुम्हारी दुनीया में रात होगी.
इस लिए तुम्हारी पत्नी तुम्हे सिर्फ सोते हुए ही दिखाई देगी .
रुन्जन ने कहा - ठीक है , जो भी हो मैं बस अपनी घर वाली को एक बार देखना चाहता हूँ कि वो ठीक तो है ?
अब सुनहेरी घोड़ा बोला - अभी दोपहर हो रही है और अभी से हम चलना प्रारम्भ करते हैं तब कहीं जा कर हम रात होने से पहले पहले यानी शाम तक लाल हिरनी के महल तक पहुँच सकते हैं.
इस तरह कहानी में एक नया मोड़ आता है, कुछ देर के लिए रुन्जन मानो ये भूल ही गया कि वो इतनी दूर दराज़ का सफर तय कर के किस काम को अंजाम देने के लिए आया है ,और वो अपन बीवी की एक झलक देखने के लिए बेताब हो गया, अब देखने वाली बात ये है की आखिर उसकी पत्नी उसे किस परिस्थति में दिखती है,
अगर उसके घर पर सब कुछ कुशल मंगल न हुआ तो फिर वो क्या करेगा ?
अब आगे -
सुनहेरी घोड़ा और रुनजन लाल हिरनी के पास जाने के लिए चल पड़े , जब वो महल के पास पहुंचे तो रात हो चुकी थी और महल बंद हो चुका था तभी महल का पहरा देने वाली एक बिल्ली उनके सामने आगई और कहने लगी कौन हो तुम और कहाँ से आये हो?
रुनजन बोला -ओ पहरेदार बिल्ली तुम इतना क्रोध क्यों कर रही हो, हम तो सिर्फ लाल हिरनी से मिलने आये थे ,
क्या तुम उनतक मेरा ये अनुरोध भेज सकती हो, कि मैं अपनी पत्नी का हालचाल देखने के लिए उनसे मिलना चाहता हूँ,
बिल्ली ने कहा कि अब रात हो चुकी है और लाल हिरनी इस वक्त किसी से भी मिलना पसंद नहीं करती,
तुम्हे सुबह तक इंतज़ार करना होगा, ये कहने के बाद बिल्ली किले का पहरा देने के लिए आगे चले गई,
रात के सन्नाटे में किले के बाहर दोनों अकेले रहगए तभी एक बड़ा सा पक्षी उनकी तरफ लपका ,
और उन्हें उठा कर खाने की कोशिस करने लगा लेकिन बिल्ली ने झपट कर उस पंक्षी को अपने पंजे से ज़मीन पर गिरा दिया और उसकी गर्दन पर अपना पैर रख कर बिल्ली बोली तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई हमारे मेहमान पर लार टपकाने की आइन्दा फिर कभी ऐसी ग़लती की, तो तुम्हें मैं जान से मार दूंगी, और ये कहने के बाद बिल्ली ने उसकी गर्दन छोड़ दी,
अब आगे-
सुबह जब रुनजन की आँखें खुली ,तो उसने देखा कि वो एक चांदी के पलंग पर झूला झूल रहा है, और सुनहेरी घोड़ा भी बड़े मज़ेदार तरीके से उसके पास सो रहा है.
रुनजन ने घोड़े को धक्का देते हुए- उठो यार कब तक सोये पड़े रहोगे. घोड़ा हिन् हिनाकर उठ खड़ा हुआ,
फिर दोनों महल में पहुँच गए,
लाल हिरनी एक बड़े से सिहांसन से निचे उतरकर, उनके सामने आकर खड़ी हो गई और बोली मुझे काली बिल्ली ने तुम्हारे अनुरोध के बारे में बताया, तुम अपनी पत्नी को देखना चाहते हो कि वो इस समय दुनिया में क्या कर रही है ?
तुम बिलकुल देख सकते हो परन्तु तभी तक जभी तक मेरी सींग हिल ना जाये, अगर मेरी सींग हिल जाती है तो फिर मैं तुम्हे दुबारा ये नहीं दिखा सकती और फिर लाल हिरनी सीधे खड़ी हो गई बोली - अब तुम मेरे दोनों सींगो के बीचो बीच देखो और देखते ही रहो .रुनजन ने जैसे ही लाल हिरनी के सींगो में देखना प्रारम्भ किया, देखते ही देखते एक धुआं सा उठने लगा और फिर कुछ देर बाद उसे उसकी पत्नी दिखाई दी, उसने देखा कि रात काफी हो चुकी थी, रुनजन ने सोचा था कि उसकी पत्नी अभी सो रही होगी लेकिन ये क्या देख रहा है वो,
उसकी पत्नी अभी तक जाग रही है ?
वो मन ही मन मुस्कुराया , और सोचने लगा वो उसकी कितनी चिंता करती है उसे भी नींद नहीं आरही है लेकिन अचानक से दरवाज़े पर किसी की दस्तक सुनाई दी, रुनजन की पत्नी चौंक कर उठी और दरवाज़े कि तरफ लपकी , रुन्जन ये देख ही रहा था कि लाल हिरनी की सींगे हिल गईं,
अब रुनजन के लिए ये एक रहस्य बन गया, वो और भी बैचेन हो गया, परन्तु वो कुछ नहीं कर सकता था,
लाल हिरनी ने उसकी ये हालत देख कर उससे कहा ,
कि तुम घबराओ मत सब ठीक ही होगा, वैसे तुम्हारे इस संसार में आने का उद्देश्य क्या है मुझे बताओ ,
लाल हिरनी ने जैसे ही ये कहा रुन्जन को अपने सवालों का ख्याल आगया, और उसने यही सोचा कि जल्द से जल्द ,
वो अपने अपने शेष प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करले, फिर उसके बाद वो अपनी पत्नी के साथ आज क्या हुआ ,
इस बारे में अपनी दुनिया मैं लौटने के बाद मालूम ज़रूर करेगा,
सुनहेरी घोड़े ने कहा रुन्जन, तुम क्यों न लाल हिरनी से ही अपना अगला सवाल पूछलो ,
सुनहेरी घोड़ा बोला और तुम्हारे सवाल कितने बाकी हैं ? ज़रा ये तो बताओ ,
लाल हिरनी बोली क्या है तुम्हारा अगला सवाल ?
मेरा प्रश्न ये है कि - "राजा की प्रिय रानी का कौन है?"
लाल हिरनी बोली, राजा की सबसे प्यारी और चहेती रानी वो है जो राजा की माता का सबसे ज्यादा ख्याल रखती है,
एक व्यक्ति को, उसकी पत्नी का ये व्यवहार सबसे ज्यादा प्री लगता है,
कि उसकी पत्नी उससे भी बढ़ चढ़कर उसकी माँ का ध्यान रखती हो,
सवाल का जवाब प्राप्त करने के बाद घोड़ा और रुन्जन जाने लगे तभी अचानक से महल में भग-दड़ मच गई,
बाकी हिरनियाँ जोर जोर से चिल्लाने लगी, हमला हो गया है भागो भागो.
तभी लाल हिरनी गरजदार आवाज़ में चिल्लाई - क्यों बुज़दिलों की तरह भागते हो?
रुको और एकता के साथ मुकाबला करो. एक दूसरी हिरनी ने चिल्ला कर कहा -
रानी साहेबा , शेरों के झुण्ड ने हमला कर दिया है, वो बस किले तक पहुँचने ही वाले हैं,
रानी हिरनी बोली डरो मत, हम उनका मुकाबला करेंगे ,
इस तरह भागते रहेंगे तो हमे कोई और पनाह नहीं देगा, एक एक कर के सारे मारे जाएंगे ,
और वो किले तक पहुंचे उससे पहले हम उन तक पहुँच जाते हैं , हम किले के बाहर जाकर उनका सामना करेंगे उन्हें खदेड़ देंगे, इस तरह सब हिरनियाँ जमा होकर रानी हिरनी के पीछे पीछे चलने लगीं ,
हिरनिया किले के बाहर खुले मैदान में ,एकता के साथ एक कतार में खड़ी हो गईं. शेरों की फ़ौज जैसे ही उनके पास पहुंची ,
वो हिरनियों की हिम्मत देख कर दंग रह गई, शेरों का राजा आगे आया और अपनी फौज को ललकार कर बोला - हमला करो. लेकिन दूसरे सभी शेर हमला करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए , उन्हें अबतक भागते हुए शिकार पर हमला करने की आदत थी, इस किले की रानी की हिम्मत देख वो दंग रह गए , आखिरकार राजा शेर ने भी मौके की नज़ाकत को समझ लिया ,और अपने क़दम पीछे हटा लिए और वापस जंगल की ओर चले गए,
ये सब देख कर रुनजन घोड़े से कहने लगा, ये बात में अवश्य ही अपने राजा को बताऊँगा, हम इंसानों को भी इससे प्रेरणा लेना चाहिए,
एकता में ही जीत है, अब इसके बाद सुनहेरी घोड़ा और रुनजन , दोनों ने आगे का सफर शुरू किया,
घोड़ा कहने लगा तुम जानते हो, आगे तुम्हारा ये सफर अब और भी कठिन होने वाला है ,
तुम्हारा प्रश्न जितना जटिल होगा उससे भी कहीं बढ़ कर तुम्हारी यात्रा दुश्वारियों से भरी होने वाली है,
जैसे ही घोड़े ने ये कहा अचानक से ये दोनों ज़मीन में धंस गए , और एक बवंडर में फंस गए ,
जो उन्हने ज़मीन के नीचे ही नीचे ले जा रहा था,
जोर की आवाज़ के साथ दोनों एक गुफा में गिर गए, रुनजन बोला यार ऐसा लग रहा है हड्डी पसली टूट चुकी होगी, लेकिन दोनों ने देखा की वो सही सलामत थे.
गुफा में चार रस्ते हैं एक अज-नबी सी स्त्री की आवाज़ उन्हें सुनाई दी,
घोड़ा , मगरमच्छ, सांप, जिराफ ये चार जानवर हैं और ये तुम्हे इस गुफा के अन्दर जाने पर मिलेंगे अब तुम जिस गुफा को चुनते हो तुम्हारी किस्मत किसी भी गुफा के दरवाज़े पर किसी का भी नाम नहीं लिखा सब दिखने में एक जैसे हैं, तुम्हे तुम्हारी किस्मत आज़माना होगी.
हाँ तुम्हारे लिए आसानी ये है कि,
तुम्हे ये चार तस्वीर दी जा रही है इन्हें तुम अगर सही सही गुफा के दरवाज़े पर लगा देते हो तो वो दरवाज़ा खुल जायेगा और अगर गलत लगाते हो तो वो दरवाज़ा फिर नहीं खुलेगा.
रुनजन सुनहेरी घोड़े से बोला यार ये कैसी दुविधा है अब क्या करें, चलो तुम ही बताओ कौन सबसे पहले किस जानवर का चित्र किस गुफा में लगाना चाहिए,
घोड़ा बोला सबसे पहले सांप का चित्र उठा कर इस पहले नंबर की गुफा में लगाओ और किस्मत आज़माओ मेरे दोस्त , जैसे ही रुन्जन ने सांप के चित्र को खीँच कर गुफा के दरवाज़े पर लगाया.
(पार्ट 2 नेक्स्ट पोस्ट में )