Sunday, 24 September 2023

अजीब दुनिया का सफर - कहानी एक राजा के 7 सवाल

प्राचीन समय की बात है, जब एक बड़े से राजा ने अपने राज्य के सुरक्षा सिपाही को एक, महत्वपूर्ण चुनौती दी। 

बादशा का मकसद यह था कि वह यह जान सके कि कौनसा सिपाही सवालों के सही उत्तर देने के लायकऔर सहासी है , ताकि उसे राज्य का संरक्षक बनाया जाए।

रुन्जन नामक एक पहरेदार, अपनी बुद्धि और निर्णय की कहानी से प्रसिद्ध था। उसने यह फैसला किया कि वह इस चुनौती को स्वीकार करेगा और सवालों के उत्तर केलिए एक अजीब दुनिया के सफर पर निकलेगा।

    जब रात को रुनजन ने अपनी पत्नी को इस रोमांचक सफर के बारे में बताया तो, उसकी पत्नी के मन में कुछ विचार आने लगे, रुनजन ने उसकी पत्नी के चहरे पर रहस्मय चिंता देखी .

उसने उससे पूछा क्या हुआ ? पत्नी ने अपने मन में आने वाले विचारों को अभी न बताने का फैसला किया

और रुन्जन को कहा : मैं जो सोच रही हूँ अगर वैसा ही है तो, मैं तुम्हे ये बात कल सुबह बताऊंगी. अभी तुम  सोजाओं,  सुबह होते ही रुन्जन राजा के रहस्यमय सवालों के समाधान तलाश ने के लिए अपनी रोमांचक मगर कठिन यात्रा पर निकल गया, जैसे ही वो गाँव से बाहर निकला उसने मौसम में कुछ अचंभित कर देने वाला बदलाव देखा, तेज़ धूप के साथ तेज़ बारिश होने लगी तभी सामने से उसे एक सुनहेरी घोड़ा दिखाई दिया.

वो कुछ समझ पाता कि घोड़ा हिन् हिनाते हुए उसके पास पहुँच गया, घोड़े के पास आते ही बारिश रुक गई  और धूप के साथ बादल गहरे होने लगे , घोड़े ने उससे कहा कि राजा की पहलियों के जवाब खोजना इतना सहज काम नहीं है जितना आप समझ रहे हो, मैं राजा की पहेली पूछने के पीछे का राज़ जानता हूँ  और ये राज़ तुम्हारी पत्नी भी जानती है लेकिन इस राज़ को तुम्हे तुम्हारी पत्नी ही बता सकती है मैं नहीं और फिर घोड़ा कहने लगा चलो मैं एक ऐसी अद्भुत दुनिया जानता हूँ जहां तुम्हे तुम्हारे सवालों का जवाब मिल जायेगा.

रुन्जन ने कहा मैं तो खुद किसी हमसफर की तलाश में था, मैं तुम्हारे साथ ज़रूर चलूँगा लेकिन  मेरी एक शर्त है, तुम किसी भी पहेली का जवाब पता चलने पर मुझे उसका समाधान तब तक नहीं बताओगे, जब तक में खूटी न बोलूं , घोड़ा, हिन् हिनाया और दोनों तेज़ी से एक विशाल अद्भुत से संसार की तरफ निकल गए, सबसे पहले उन्हें एक चांदी का हंस दिखाई दिया,

सुनहेरी से सुंदर घोड़े ने मुस्कुराते हुए रुन्जन से कहा ये चाँदी का हंस ज़रूर है लेकिन, इस संसार के चतुर पक्षियों में से एक है, ये भी बड़ा ही सूझबूझ दिमाग़ वाला पक्षी है, तुम इससे तुम्हारे प्रश्नों के उत्तर जान सकते हो,

लेकिन याद रखना इस संसार का नियम यह है कि तुम एक समय में किसी एक जानवर से केवल, एक ही सवाल के जवाब को हासिल कर सकते हो.

अब रुन्जन के मन में यहाँ एक दुविधा थी कि इन सात सवालों में से पहले कौन सा सवाल पूछे ? सबसे कठिन या सबसे आसान ? घोड़े ने उसे सुझाया कि अगर तुम ये सोच रहे हो कि तुम इससे सबसे कठिन सवाल पूछोगे और वो तुमको इसका जवाब दे देगा तो तुम गलत हो और, अगर तुम ये सोच रहे हो कि तुम इससे सबसे आसान सवाल को पहले हल करवालोगे तो फिर तुम सही हो.

इससे पहले कि रुन्जन हंस से कुछ कहता, हंस उड़ता हुआ रुन्जन के पास आ गया, 

और रुन्जन से कहने लगा

 मैं जानता हूँ तुम इस सफर पर क्यों आये हो,

 लेकिन तुम नहीं जानते कि राजा का उद्देश्य तुम्हे इस सफर पर भेजने का क्या है ?

लेकिन हाँ, तुम्हारी जीवन साथी इस राज़ के बारे में जानती थी, पूछलो जो कुछ पूछना है, लेकिन मैं एक ही सवाल का उत्तर तुम्हे दे सकता हूँ  हंस की इनबातों को सुनकर,रुंजन चौंक गया. ये क्या हो रहा है, सबसे पहले मेरी पत्नी ने मुझसे कहा, कि वो इस बारे में कुछ जानती है परन्तु मुझे बताया नहीं, फिर इस सुनहेरी घोड़े ने भी नहीं बताया आखिर माजरा क्या है ? अब हंस भी यही कह रहा है तो अब मैं इससे राजा का सवाल पूछूं या मेरे मन का ये सवाल कि वो राज़ क्या है जो मेरी पत्नी और तुम जानते हो ?

लेकिन तब हंस बोल पड़ा मैं तुम्हे ये राज़ तो नहीं बताऊंगा , अब, रुन्जन अचम्भे में पड़ गया, इतना  बुद्धिमान Intelligent हंस, मैंने तो सपने में भी नहीं सोचा होगा. रुनजन ने अपने पहले और आसान सवाल को हंस के सामने रखा, 

सवाल है कि राजा की प्रिय रानी का नाम क्या है?

लेकिन, इसके उत्तर के लिए एक शर्त है कि, उत्तर ऐसा हो कि किसी भी दूसरी रानी को इसे सुनकर मन में कोई ठेस न पहुंचे.

हंस मुस्कुराया और बोला मेरे पास इसका उत्तर है, परन्तु उत्तर सुनने से पहले ये एक नसीहत सुनलो,

जब भी किसी समस्या का समाधान ढूँढना हो तो उसे अलग अलग कोण से देखना चाहिए, 

राजा ने आपसे जो सवाल पुछा है, उसमें उन्होंने अपनी प्रिय पत्नी के बारे में नहीं पूछा,

 बल्कि प्रिय रानी के बारे में उत्तर जानना चाहा  है , इस तरह के सवाल का व्यापक अर्थ हो सकता है, यहाँ तीन बिंदु हैं, पहला किसी भी देश की रानी, दूसरा राजा की पत्नी में से कोई रानी, तीसरा राजा की माता रानी.

तो इसका जवाब है "राजा की माता उसकी सबसे प्रिय रानी है."

हंस के इस जवाब को पाकर रुनजन हैरत में पड़ गया, और बोला इस विचित्र ~ दुनिया का ये प्राणी कितना intelligent बुद्धिमान है ,

Part 2


सुनहेरी घोड़े पर सवार हो कर अब रुनजन आगे बढ़ने लगा, रस्ते में एक तालाब दिखाई दिया, तालाब के किनारे बहुत सुन्दर सुंदर मछलियाँ  थीं, एक अजीबो गरीब मछली रुनजन को दिखाई दी, खूबसूरत चेहरे वाली ,

औरतों की तरह बात करने वाली , ये मछली उसके पास आई.

मैं तुम्हारी क्या खिदमत कर सकती हूँ, मुझे बताइए. पानी से निकल कर हवा में हिलते डुलते हुए, जब ये मछली रुनजन से बातें कर रही थी तब रुन्जन उसे देखकर आश्चर्य चकित रह गया, घोड़ा हिन् हिनाया और कहने लगा 7 में से 1 सवाल तुम पूछ चुके हो अब बचे 6 सवाल इनमें से कौन सा सरल सवाल है पहले तुम वही पूछो ,रुनजन ने घोड़े की तरफ देखा और कहा हाँ भई पूछता हूँ पूछता हूँ .

लेकिन मछली ने सवाल पूछने से पहले एक शर्त पेश की, मछली बोली - तुम हमारे मेहमान हो और बड़े ही थके हुए मालूम होते हो, इसलिए तुम्हे मेरे साथ, मेरे महल में चलना होगा, जो इस समुद्र की गहराई में है, सुनहेरी घोड़े और रुनजन दोनों ने इस दावत को स्वीकार किया और तालाब के नीचे, मछली के महल में , जाने केलिए तालाब में गोता लगा दिया.

मछली ने उनके चारों तरफ एक परत बनादी ताकि उन्हें पानी से कोई दिक्कत न हो जब घोड़ा और रुनजन महल में पहुंचे तो पता ये चला कि, ये मछली कोई साधारण मछली नहीं है, बल्कि ये अपने तालाब की रानी मछली है यहाँ बहुत सारी मछलियाँ और थीं , जो सब की सब इन दोनों की सेवा करने में लग गईं.

रानी मछली ने खुद अपने हाथ के बने भोजन को परोसा, भर पेट खाना खाने के बाद अब मछली बोली पूछिए तुम्हारा सवाल क्या है ?

रुनजन ने कहा ऐ प्यारी सी मछली बता ज़रा, बादशा की इस पहेली का जवाब, पहेली कुछ इस तरह है कि क्या है वो चीज़ जो रानी के पास है लेकिन रानी उसमें जा नही सकती,

राजा के सवाल को सुन्ने के बाद , मछली ज़ोर ज़ोर से हसने लगी और कहने लगी कि ये सवाल राजा का नहीं हो सकता , अवश्य ही ये सवाल तुम्हारे राजा से किसी रानी ने किया होगा, और उसका उत्तर राजा के पास भी नहीं होगा, ऐसे सवाल एक बादशा के नहीं अपितु रानी के ही मन में आ सकते हैं और जवाब भी रानी ही दे सकती है अब चूँकि मैं भी एक रानी हूँ तो मैं आपको अभी ही इसका जवाब दे देती हूँ, इसका जवाब है स्वप्न .

मछली का ये उत्तर सुनकर पहले तो घोड़ा ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा,  तभी रानी मछली के साथवाली एक और मछली, ज़ोर से घोड़े पर चिल्लाई और बोली,   ए सुनहेरी से खूबसूरत घोड़े तू क्यों हंस रहा है, 

तभी रानी मछली बोली चिल्लाओ मत, मैं इनकी हसी का राज़ जानती हूँ,

रानी मछली बताई बात असल ये है कि, इसका जवाब मैंने झट से इसलिए दे दिया क्योंकि, मैं जानती हूँ की एक रानी की अपनी, सपनो की दुनिया होती है, लेकिन वो अपनी इस दुनिया में नहीं जा सकती,

तुम्हे मुझे देखकर क्या लगता है कि मैं ,एक रानी मछली हूँ तो मेरे कोई ख्वाब नहीं होंगे ? जबकि ऐसा नहीं है मैं भी अपने पास एक सपना रखती हूँ , मैं अपने सपने में देखती हूँ एक राजकुमार , जो बहुत ही सुंदर, दयालु और अचंभित कर देने वाला दिमाग रखता है, और देखती हूँ कि मैं इंसान रानी बन गई लेकिन , वही बात कि मैं अपनी इस दुनिया मैं नहीं जा सकती.

रानी मछली से इस सवाल का जवाब पाने के बाद , काला घोड़ा खड़ा हो गया ,और कहने लगा तुम जिस तरह दिखाई देती हो ठीक वैसी ही समझदार भी हो, यहाँ से आगे का सफर शुरू होता है. घोड़ा जैसे ही पहाड़ से नीचे उतरने लगा तो वहाँ उन्होंने इंसानों से हटकर दिखाई देने वाली बस्ती देखी,

जब वो वह पहुंचे तो उन्होंने देखा कि नीले बाल,और सुन्दर रंग रूप वाले बंदरों की ये बस्ती है, बस्ती में बने मकान हाथों से बने होने के बावजूद कुछ इस तरह दिखाई दे रहे थे मानो, इनमें कोई कमी न हो, तभी एक बंदर ज़मीन से उछल कर बाहर आ गया, सुनहेरी घोड़ा बिदक गया, 

बंदर ने कहा डरते क्यों हो, हमें तुम्हारे आने की खबर लग चुकी थी, तुम बील्कुल भी मत घबराओं ,और मेरे साथ आओ, दोनों उस नीले बालों वाले बंदर के साथ चल पड़े, कुछ दूर चलने के बाद , एक जगह चारपाई पर बंदर ने उन्हें बैठाया और कहा रात हो चुकी है तुम आराम से सो जाओ हम सुबह बात करेंगे.

रुनजन को बड़े दिनों बाद चारपाई पर सोने का मौका मिला, वो अब अपनी पत्नी को याद कर रहा था,

अचानक से उसके मन में वही सवाल गूंजने लगा कि, आखिर बादशा और मेरे इस सफर के बीच का क्या राज़ है और मेरी पत्नी भी क्या इस में शामिल है, ये कुछ बात है जो समझ से परे है. उसने चाहा कि, काले घोड़े से पूछे लेकिन काला घोड़ा अब बैठ चूका था, और बैठे बैठे सो रहा था.

Part 3


सुबह हो चुकी थी, बंदरों की बस्ती में इंसानों जैसी चहल-पहल थी,  नीले बालों वाला बंदर रुनजन के पास आया और कहा, चलो कुछ नाश्ता करलो, नाश्ते का सुनते ही घोड़ा उठ कर बैठ गया, 

नाश्ता करने के बाद, बंदर बोला चलो मैं तुम्हे अपने राजा बदंर के पास लिए चलता हूँ, तुम जिस काम के लिए आये हो उसे वही अंजाम देंगे,

दोनों को, बंदर एक बड़े विशाल से महल में ले गया, महल सोने से बना हुआ था मेहराब में हीरे मोती जुड़े हुए थे,

सामने राजा बंदर बैठा हुआ था, रुनजन और घोड़े को बैठने के लिए उसने अपने पास बुला लिया, 

अब बारी थी सवाल पूछने की, 

7 सवाल में से 2 सवाल पूछे जा चुके थे, अब बचे 5 सवाल,

रुनजन के मन में झट से एक सवाल आ गया उसने कहा -  बन्दर राजा! मैं अपने राजा के सात सवालों के जवाब को खोजने के लिए यहाँ आया हूँ , 

दो सवालों के जवाब के बाद,  मैं तुमसे तीसरा सवाल पूछना चाहता हूँ , ज़रा बताओ हमारे "राजा का सबसे बड़ा सपना क्या है,"

बंदर ने जवाब देने से पहले पूछा, मुझे पहले ये बताओ कि इस आसान से सवाल के लिए, तुम इतनी दूर क्यों आये हो,

रुनजन कहने लगा राजा ने जो सवाल पूछे हैं,उसके उत्तर देने की ये शर्त है, कि अगर गलत हुए तो राजा इनाम के बजाये कड़ी सजा देगा, इस लिए मैंने सोचा कि मैं हर सवाल के जवाब को संसार भर की खोज कर के प्राप्त करूँ , तभी जा कर जवाब दूँ, बंदर बोल पड़ा कि अगर ऐसी बात है, तो तुम बिकुल ठीक कर रहे हो,

और तुम्हारे सवाल का जवाब ये है - अपने राज्य की प्रजा का सुखमय जीवन.

फिर उसने समझाया -  कि एक राजा के बहुत सारे सपने होते हैं लेकिन , उसके सपने तभी पुरे हो सकते हैं, जब वो अपने राज्य को ठीक से चला पाए और अपने सिंहासन को बचा पाए, इसीलिए राजाओं का सबसे बड़ा सपना होता है  "अपने राज्य के लोगों के लिए सुखमय जीवन" जब तक राज्य की प्रजा सुख में नहीं होती,  तब तक कोई राजा अपना सपना पूरा नहीं कर सकता.

अब इस तीसरे जवाब को पाकर रुनजन बहुत खुश था, घोड़ा और वो अब आगे अपनी यात्रा के लिए निकल पड़े,  रास्ते में घोड़ा कुछ ऐसी बातें करता, जिसे सुन रुनजन को अपने घर की याद आती रहती और इसी तरह सफर आगे बढ़ता गया, जैसे ही रुन्जन पहाड़ की ऊंची चोटी पर पहुंचा मानो बादल उनको छू रहे हो, वो बादलों की दुनिया दिखाई पड़ रही थी , दूर एक चीज़ तारे की तरह चमकती हुई नज़र आई सुन्हेरी घोड़ा फिर हिन् हिनाया और कहने लगा,  वो जुगनू की दुनिया है और वो जुगनू परी है .

दोंनो उस परी के पास पहुंचे तारे की तरह टिमटिमाते हुए, झिलमिल करती लाइट के लिबास में,  जुगनू परी सामने खड़ी थी, मुस्कुराते हुए चेहरे में रुनजन को न जाने क्यों अपनी पत्नी का चेहरा दिखाई दिया, बहरहाल ,

रुन्जन ने उस परी से कहा- क्या मैं तुमसे कुछ सवाल पूछ सकता हूँ,

 परी ने मना करदिया और कहा कि नहीं,  मैं तुम्हारे किसी सवाल का जवाब नहीं दे सकती,

ये बात सुनकर रुनजन निराश हो गया,  तभी परी आगे बोलने लगी, लेकिन मैं तुम्हारी मदद फिर भी करना चाहूंगी,

इसके लिए मैं तुम्हे रस्ता दिखा सकती हूँ , क्योंकि आगे रस्ते में घेरा अँधेरा है जहाँ कोई नहीं जा सकता सिर्फ हम जुगनू ही जा सकते हैं , ये सुनकर रुन्जन की ख़ुशी आठवे असमान पर पहुँच गई, अब घोड़ा, रुनजन और जुगनू परी घेरे अँधेरे में जाने लगे, ये एक ही रस्ता था, जो इन्हें दूर की दुनिया का सफर करने के लिए पार करना था , रस्ते में बहुत सारे जुगनू दिखाई दिए जो टीम टीम कर रहे थे, अब यहाँ जुगनू परी की सीमा ख़त्म हो चुकी थी, और फिर उसने दोनों को अलविदा कहा और उड़ते हुए अपने किले की तरफ चले गई.

10 सवालों में से 3 सवालों के जवाब रुनजन को मिल चुके थे, अब ये दोनों सफ़ेद बादलों में, ऊँचे ऊँचे पेड़ों के बीच में से गुज़र रहे थे, दोनों ने इससे पहले इतनी खूबसूरत जगह नहीं देखी थी, जैसे ही वो आगे बढे, उन्हें एक सोने का ऊँट दिखाई दिया, वो उसके पास पहुंचे  और इसकी सुन्दरता की तारीफ करने लगे तभी ऊँट हिनले डुलने लगा

रुनजन चौंक कर बोला ये क्या ? ये तो जिंदा है! ऊँट बोला  ये अजीबो गरीब दुनिया है, यहाँ हर चीज़ तुम्हारे संसार से भिन्न दिखाई देगी और आगे बहुत कुछ अद्भुत है यहाँ पर चलो मेरे साथ,

फिर  घोड़ा और रुनजन ऊँट के साथ साथ चलने लगे, कुछ दूर चलने  के बाद, अचानक से कुछ खौफनाक आवाज़े सुनाई दीं, रुनजन पुरे सफर में कभी डरा  नहीं था,

 लेकिन आज उसे र लग रहा था एक छोटे से पुल से उन्हें गुजरना था, जैसे ही उस पुल पे चलने के लिए ऊंट ने कहा तो वो ठिटक गए , बोले ये तो कांच का बना हुआ दिखाई देता है , और आगे से ये किसी समन्दर के अन्दर से होता हुआ जा रहा है,  ऊँट हसते हुए बोला डरो नहीं ये पुल बड़ा ही मज़बूत और दमदार है,  इसके चारों   तरफ कांच की मज़बूत परत है जिससे ये समुद्र में से होकर जाने के बावजूद तुम्हे समुद्री जानवरों से बचालेगा,
इस तरह दोनों ने हिम्मत कर के उस कांच के पुल पर क़दम रख दिया.
सफर बड़ा रोमांचक हो गया था उन्हें दूर से ही समुद्र में मछलियों और कछवे जैसे बड़े बड़े जीव दिखाई दे रहे थे, जैसे ही पुल समुद्र में उतरा उन्हें आसपास बहुत विचित्र से जानवर दिखाई दे रहे थे,
 रुनजन ने तो कभी अपनी दुनिया के समुद्र में भी गोता नहीं लगाया था,
फिर तो ये एक अजीबो गरीब संसार का समुद्र था, 
उसने देखा की आस पास कुछ ऐसे बड़े बड़े जानवर हैं  जो तैरते हुए उनके पास आते हैं और उन्हें खाने की कोशिश करते हैं, 
ऊँट हसने लगता है डरो नहीं वो बस मज़ाक़ कर रहे हैं, समुद्र  में हीरे मोती भी तैर रहे थे, उनकी भी आँखें दिखाई दे रही थीं , ऐसा लग रहा था कि उनसे बात की जा सकती है, घोड़ा फिर हिन् हिनाया  और कहने लगा,
 भई हम तो भूल ही गए की अब हमें सवाल भी पूछने हैं, रुनजन सवाल पूछता उससे पहले ही ऊँट बोला, नहीं,
हमें इस राज्य के राजा ने ये आदेश दिया है कि अब तुम्हारे सवालों का जवाब नहीं दिया जायेगा,
जबतक तुमसे एक इम्तेहान न ले लिया जाये, रुनजन चोंक गया और बोला इम्तेहान कैसा इम्तेहान,
ऊँट कहने लगा तुम्हे लावा परीक्षा देना होगी अर्थात तुम्हे गर्म धातु से पिघले हुए लावे से गुजरते हुए हमारे राजा के किले तक पहुँचाना होगा,
रुनजन ऊँट की ये बात सुनकर थोड़ा सहम गया और कहने लगा  कि भला ये कैसे हो सकता है, लावे की गर्मी से मैं तो मर ही जाऊँगा. ऊँट ने उसे बताया यही तुम्हारा इम्तेहान है, 
इस लावे की गर्मी को वही बर्दाश्त कर सकता है जिसके दिल में ज़रा भी कोई लालच, और बेईमानी न हो ,
अगर तुम्हारी इस यात्रा के पीछे कोई लालच और बेईमानी छुपी होगी, तो तुम उस गर्मी में तड़प तड़प कर मर जाओगे और गर तुम एक साफ़ दिल के आदमी निकले तो बच जाओगे,
रुन्जन एक साफ़ दिल का व्यक्ति था, लेकिन फिर भी उसके मन में एक शंका थी,
कि  कहीं ऐसा न हो कि मेरे मन में कोई कपट हो ,वरना मैं तो मर ही जाऊंगा.
देखते ही देखते वो समन्दर के किनारे पर पहुँच गए और जैसे ही बाहर निकले  तो उन्हें एक रेगिस्तानी इलाक़ा नज़र आया  लेकिन उन्होंने देखा कि यहाँ सूखे हुए पैड लगे हुए हैं  और जैसे जैसे वो आगे बढ़ने लगे तो कुछ अजीब सी चीख की आवाज़ उन्हें फिर सुनाई दी और फिर उन्हें कुछ लोग पैड पर लटके हुए दिखाई दिए,
जो ये चीख चीख कर कह रहे  थे, हमे छोड़ दो हमें छोड़ दो रुन्जन ने अब ऊँट से पुछा ये कैस दृश्य है,
 क्या हम जो देख रहे है वो सच है या काल्पनिक ?
ऊँट कहने लगा तुम जो देख रहे हो ये वो लोग हैं, जो हमारे इस संसार मैं अपने गलत उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आये थे वो यहाँ सोने, हीरे और इस तरह की चीज़ों की खोज, अपने हित को साधने के लिए कर रहे थे और अपने इस संघर्ष को वो अपने किसी नेकमकसद के लिए करना बता रहे थे,  लेकिन इनका जब इम्तेहान लिया गया तो पता चला कि इनके मन में कपट था, इस लिए ये यहाँ लटका दिए गए.
रुन्जन को फिर अपनी पत्नी की याद आई कि वो कुछ तो जानती थी,
 इस सफर के रहस्य के बारे में आखिर उसने मुझे बताया क्यों नहीं ,
क्या चाहती थी मेरी पत्नी?
वो इन ख्यालों में खोया हुआ ही था,
 कि अचानक से देव हैकल, दानव उसके सामने आ गया,
 और उसने उनसे कहा बैठ मेरी हथेली पर,
 जैसे ही उसने अपने हाथ को नीचे ज़मीन पर रखा तो उसकी हथेली इतनी लम्बी हो गई,
 कि ये तीनों उस पर बैठ गए ,  और उसने ज़रा सी देर में तीनों को उठाकर एक ऐसी जगह पर छोड़ दिया ,
जहाँ से गर्म गर्म लावा निकल रहा था और वो बोला ये सोने चांदी का बहुत गर्म लावा है,
 तुम्हे इससे गुज़रते हुए आगे जाना होगा ,
रुनजन सुनहेरी घोड़े से कहने लगा अब क्या करें ?
घोड़ा हँसते हुए बोला घबराओ मत मुझे पता है,  तुम्हारा मन बिल्कुल साफ़ है इसलिए चलो आगे बढ़ते हैं ,
और ये कहते हुए घोड़ा आगे बढ़ा और रुनजन ने जैसे ही लावे पर अपना सीधा पैर रखा लावा उसे ठंडा महसूस हुआ  और फिर जब उसने अपना दूसरा पैर लावे पर रखा तो अब वो समझ गया कि वो इम्तेहान में कामयाब हो जायेगा, परन्तु जैसे  जैसे वो आगे बढ़ने लगा उसे दूर बहुत ही भयंकर आग लगी हुई दिखाई दे रही थी , 
इसके बावजूद वो हिम्मत से काम लेते हुए आगे बढ़ता गया,
घोड़ा उसकी हिम्मत को देखते हुए बोला,  एक व्यक्ति को इतना ही साहसी होना चाहिए, और साहस हिम्मत के लिए अंतर आत्मा का शुद्ध होना बहुत  ज़रूरी है  तुम्हारी आत्मा अंदर से ही शुद्ध है, अब उसने देखा कि यहाँ दो रास्ते हैं और तभी एक आवाज़ आई रुको और ध्यान देते हुए मेरे वचन को सुनो,
यहाँ तुम्हारे पास दो पथ हैं, एक पथ हरा  है दूसरा पथ पीला है , हरा पथ चुनने पर तुम्हे इतना धन दिया जायेगा,
 जितना तुम्हारे राजा के पास है वो , और उतनाही और,  इस तरह तुम्हारे पास तुम्हारे राजा से दो गुना धन तुम्हे मिलेगा,  परन्तु अगर तुम दूसरा पथ चुनते हो,  तो तुम्हे सिर्फ अपने सवालों के जवाब ही प्राप्त होंगे जिसके लिए तुम इस यात्रा पर निकले हो अब ये तुम्हारी मर्ज़ी तुम क्या लेना पसंद करते हो .
लेकिन रुनजन के मन में ज़रा भी लालच नहीं आया और वो तुरंत ही बोला कि मुझे धन दौलत नहीं चाहिए, 
मैं अपने जीवन में वैसे ही खुश हूँ , मुझे अपने राजा के बताए हुए कार्य को पूरा करना है, 
इसलिए मैं मेरे प्रश्नों के उत्तर को प्राप्त करने वाले रास्ते को ही चुनता हूँ,
जैसे ही रुनजन ने ये कहा उसके लिए वो मार्ग खुल गया ,और वो उस मार्ग पर चलदिया
अब इस मार्ग पर उसके सामने एक कुआ दिखाई दिया उसे बहुत ज़ोर की प्यास लग रही थी , तभी अचानक कुए से एक चांदी के ग्लास में भरा पानी उसके सामने आ गया  उसने उसे पिया और फिर आगे बढ़ गया अब जैसे ही वो आगे बढ़ा  उसे सोने का ऊँट फिर से दिखाई दिया.
 ऊँट उनके पास आ गया और घोड़े से कहने लगा-  दोस्त तूने दोस्ती को बहुत अच्छे से निभाया, 
रुनजन के इस कठिन इम्तेहान में इसका पूरा पूरा साथ दिया,
ऊँट ने रुन्जन से कहा - अब जब कि तुम अपने कठिन इम्तेहान में सफल हो चुके हो,  तुम मुझ से अपना सवाल पूछ सकते हो,
ए सुन्हेरी ऊँट तो फिर बता मेरे इस सवाल का जवाब क्या होगा ,
सवाल है,  क्या है वो ऐसी चीज़ ,
जब कोई दूसरा व्यक्ति बादशा के साथ करे तो बादशाह को आनंद मिलता है,
 लेकिन जब वो खुद उसे करें तो कुछ नहीं होता ?
ऊँट ने तुरंत जवाब दिया - वो चीज़ गुदगुदाहट है, कोई भी व्यक्ति चाहे वोआम हो या खास ,
जब उसे कोई गुदगुदाता है , तो उसे गुदगुदी चलती है आनन्द मिलता है,  जबकि अगर वो खुद अपने हाथों से गुदगुदा न चाहे तो उसे कुछ नहीं होता .
परन्तु मेरे दोस्त! तुम्हारे राजा का तुम्हे इस यात्रा पर इन सवालों के जवाब के लिए भेजने का मकसद , 
तो कुछ और ही है लेकिन मुझे इस बात पर आश्चर्य है कि तुम अपने राजा के उद्देश्य को समझ नहीं पाए ,
जबकि तुम भी बीरबल से कम बुद्धिमान नहीं हो, इसके बाद उस सुनहेरी ऊँट ने कहा की चलो अब मेरी पीठ पर बैठ जाओ और आगे का अपना सफर पूरा करो, घोड़ा और रुन्जन दोनों ऊँट पर सवार हो गए , 
अब ऊँट उन्हें एक जंगल में छोड़ कर चला गया,
रुनजन को इस जंगल में बड़ा ही आनन्द आने लगा,
 उसे ऐसा लगा जैसे वो अपने संसार में वापस आगया हो ,
लेकिन तभी उसे डायनासौर से भी बड़ा एक जीव दिखाई दिया,  ऊँट जो उड़ता हुआ आ रहा था, और जैसे ही वो नीचे ज़मीन पर बैठा,  तो नज़र आया कि वो तो एक विशाल हरे रंग का कबूतर है उसने पहले कभी हरे रंग का कबूतर नहीं देखा था  और वो भी इतना विशाल, तभी कबूतर ने रुन्जन से कहा - और मेरे मित्र! कितनी पहेलियों को भुजा चुके हो ?
बादशा सलामत तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं. तभी रुन्जन ने कहा कि क्या राजा को पता है हम कहाँ तक आ गए,
कबूतर बोला हाँ , तुम्हारे राजा को  सब खबर पहुंचाई जाती है, रुन्जन इस रहस्य को बिलकुल भी समझ पाने में असमर्थ था, अब उसने कबूतर से अपना सवाल पूछना चाहा , लेकिन इससे पहले की वो सवाल पूछता कबूतर बोला-  कि तुम्हारे सवालों के जवाब देने के लिए  तुम्हे मेरे साथ कबूतर स्थान जाना होगा, 
जहाँ हमारी रानी सर्वप्रथम तुमसे एक पहेली पूछेगी , तुम अगर उसका सही सही हल बता देते हो , 
तो ही तुम्हारे प्रश्नों का उत्तर दिया जायेगा,  अन्यथा तुम्हे खाली हाथ लौटना होगा, दोनों कबूतर पर बैठ गए,
 और कबूतर उड़ने के बजाये तेज़ तेज़ दौड़ने लगा,  दोनों को बड़ा मज़ा आ रहा था, 
और देखते ही देखते वो एक बड़े से महल में पहुँच गए जहाँ एक कबूतर राजा बैठा हुआ था,
 उसने रुनजन से कहा तो तुम मेरी पहेली को हल करने के लिए तय्यार हो,
 रुनजन ने कहा जी राजा मैं तय्यार हूँ .
पूछिए ,तभी - एक परदे में छिपी कोई चीज़ सामने आई और कहने लगी,  - मैं एक ऐसी चीज हूँ ,जो आपको हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हूँ। 
मैं आपको नई चीजें सीखने और खुद को और कुशल व बेहतर बनाने के लिए उत्साहित करती रहती हूँ। 
मैं आपको बेझिझक चुनौतियों का सामना करने के लिए तय्यार करती हूँ । 
बताओ मैं क्या हूँ ?
रुनजन ने तुरंत ही जवाब दिया - इसका जवाब है. "लक्ष्य "
क्योंकि लक्ष्य ही है वो जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। ये  हमें नई चीजें सीखने और खुद को बेहतर बनाने के लिए उत्साहती करता है। हमें यह बेझिझक चुनौतियों का सामना करने के लिए तय्यार करता है ।
ये जवाब सुनकर कबूतर राजा मुस्कुराया और कहने लगा तुम तो बीरबल की तरह सच मैं बुद्धिमान निकले,
चलो अब तुम अपना प्रश्न पूछ सकते हो, 
सवाल 5 ऐसी कौनसी चीज़ है जो दुनियाँ में कहीं भी और कोई भी नहीं बना सकता लेकिन राजा के पास वो है फिर भी राजा की नहीं ? 
तो कबूतर ने जवाब देने से पहले कहा कि ये महज़ एक सवाल नहीं है तुम्हारे राजा ने इसे पूछा है , तो अवश्य इसमें कोई पैगाम छुपा हुआ है. अब इसका जवाब है "समय" और कबूतर आगे कहने लगा समय कभी किसी का नहीं होता इसलिए अगर तुम्हारे पास समय है तो उसे एक उपहार समझो, तुम समय का उपयोग केवल अपनी बुद्धिमानी से ही कर सकते हो.
इसके बाद रुजन और सुनहेरी घोड़ा वहां से चल दिए रास्ते में सुनहेरी घोड़े से वो कहने लगा कि अब तो मुझे अपने घर की याद बड़ी सता रही है,  मुझे मेरी पत्नी की बहूत याद आती है,

 मैं सोचता हूँ वो इस समय क्या कर रही होगी? और क्या वो राज महल जाती होगी मेरे हाल चाल राजा से पता करने , या राजा खुद समय समय पर मेरे घर अपने  सिपाही से मेरी पत्नी को मेरे बारे में बताते रहते होंगे,

रुजन अचानक से सुनहरी घोड़े से बोला हम इस विचित्र संसार में रहते हैं ,जहाँ अचंभित कर देने वाले कई यंत्र हमने देखे हैं ,क्या ऐसा कोई उपाय नहीं है कि मैं अपनी पत्नी से इस संसार में रहकर भी बात कर सकूँ ? या मैं उसे देख सकूँ कि वो क्या कर रही है? 

    घोड़ा हसते हुए , कहने लगा यार आईडिया तो तुम्हारा बड़ा अच्छा है  लेकिन ये विचार तुम्हारे मन में पहले क्यों नहीं आया ? तब रुन्जन ने कहा ये विचार मेरे मन में इस संसार की विचित्र चीज़ों के देखने के बाद आया. वरना मैं तो ऐसी कल्पना भी नहीं कर सकता, तभी सुनहेरी घोड़े ने कहा ऐसा यंत्र इस अचंभित करदेने वाले संसार में है ,

लेकिन इसके लिए तुम्हे लाल हिरनी के पास चलना होगा,  वो तुम्हे तुम्हारी पत्नी का हाल-चाल अपनी सींगो के बीच में दिखा सकती है, लेकिन एक समस्या है, हम इस संसार में रहते हैं जब यहाँ दिन होता है, तब तुम्हारे संसार में रात होती है और लाल हिरनी का महल रात को बंद हो जाता है वो तुम्हे इस संसार के समय चक्र के मुताबिक दिन में ही तुम्हे दिखा सकती है परन्तु उस समय तुम्हारी  दुनीया में रात होगी.

इस लिए तुम्हारी पत्नी तुम्हे सिर्फ सोते हुए ही दिखाई देगी .

रुन्जन ने कहा - ठीक है , जो भी हो मैं बस अपनी घर वाली को एक बार देखना चाहता हूँ  कि वो ठीक तो है ?

अब सुनहेरी घोड़ा बोला - अभी दोपहर हो रही है और अभी से हम चलना प्रारम्भ करते हैं तब कहीं जा कर हम रात होने से पहले पहले यानी शाम तक लाल हिरनी के महल तक पहुँच सकते हैं.

इस तरह कहानी में एक नया मोड़ आता है,  कुछ देर के लिए रुन्जन मानो ये भूल ही गया कि वो इतनी दूर दराज़ का सफर तय कर के किस काम को अंजाम देने के लिए आया है ,और वो अपन बीवी की एक झलक देखने के लिए बेताब हो गया, अब देखने वाली बात ये है की आखिर उसकी पत्नी उसे किस परिस्थति में दिखती है, 

अगर उसके घर पर सब कुछ कुशल मंगल न हुआ तो फिर वो क्या करेगा ?

अब आगे -

सुनहेरी घोड़ा और रुनजन लाल हिरनी के पास जाने के लिए चल पड़े , जब वो महल के पास पहुंचे तो रात हो चुकी थी और महल बंद हो चुका था तभी महल का पहरा देने वाली एक बिल्ली उनके सामने आगई और कहने लगी कौन हो तुम और कहाँ से आये हो? 

रुनजन बोला -ओ पहरेदार बिल्ली तुम इतना क्रोध क्यों कर रही हो,  हम तो सिर्फ लाल हिरनी से मिलने आये थे ,

 क्या तुम उनतक मेरा ये अनुरोध भेज सकती हो, कि मैं अपनी पत्नी का हालचाल देखने के लिए उनसे मिलना चाहता हूँ,

बिल्ली ने कहा कि अब रात हो चुकी है और लाल हिरनी इस वक्त किसी से भी मिलना पसंद नहीं करती,

तुम्हे सुबह तक इंतज़ार करना होगा, ये कहने के बाद बिल्ली किले का पहरा देने के लिए आगे चले गई,

रात के सन्नाटे में किले के बाहर दोनों अकेले रहगए तभी एक बड़ा सा पक्षी उनकी तरफ लपका ,

और उन्हें उठा कर खाने की कोशिस करने लगा  लेकिन बिल्ली ने झपट कर उस पंक्षी को अपने पंजे से ज़मीन पर गिरा दिया  और उसकी गर्दन पर अपना पैर रख कर बिल्ली बोली  तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई हमारे मेहमान पर लार टपकाने की आइन्दा फिर कभी ऐसी ग़लती की, तो तुम्हें मैं जान से मार दूंगी, और ये कहने के बाद बिल्ली ने उसकी गर्दन छोड़ दी,

अब आगे-

सुबह जब रुनजन की आँखें खुली ,तो उसने देखा कि वो एक चांदी के पलंग पर झूला झूल रहा है, और सुनहेरी घोड़ा भी बड़े मज़ेदार तरीके से उसके पास सो रहा है. 

रुनजन ने घोड़े को धक्का देते हुए- उठो यार कब तक सोये पड़े रहोगे. घोड़ा हिन् हिनाकर उठ खड़ा हुआ,

फिर दोनों महल में पहुँच गए,

लाल हिरनी एक बड़े से सिहांसन से निचे उतरकर,  उनके सामने आकर खड़ी हो गई और बोली मुझे काली बिल्ली ने तुम्हारे अनुरोध के बारे में बताया,  तुम अपनी पत्नी को देखना चाहते हो कि वो इस समय दुनिया में क्या कर रही है ?

तुम बिलकुल देख सकते हो परन्तु तभी तक जभी तक मेरी सींग हिल ना जाये,  अगर मेरी सींग हिल जाती है तो फिर मैं तुम्हे दुबारा ये नहीं दिखा सकती और फिर लाल हिरनी सीधे खड़ी हो गई  बोली - अब तुम मेरे दोनों सींगो के बीचो बीच देखो और देखते ही रहो .रुनजन ने जैसे ही लाल हिरनी के सींगो में देखना प्रारम्भ किया,  देखते ही देखते एक धुआं सा उठने लगा  और फिर कुछ देर बाद उसे उसकी पत्नी दिखाई दी, उसने देखा कि रात काफी हो चुकी थी, रुनजन ने सोचा था कि उसकी पत्नी अभी सो रही होगी  लेकिन ये क्या देख रहा है वो, 

उसकी पत्नी अभी तक जाग रही है ?

वो मन ही मन मुस्कुराया , और सोचने लगा वो उसकी कितनी चिंता करती है उसे भी नींद नहीं आरही है लेकिन अचानक से दरवाज़े पर किसी की दस्तक सुनाई दी, रुनजन की पत्नी चौंक कर उठी और दरवाज़े कि तरफ लपकी , रुन्जन ये देख ही रहा था कि लाल हिरनी की सींगे हिल गईं,

अब रुनजन के लिए ये एक रहस्य बन गया,  वो और भी बैचेन हो गया, परन्तु वो कुछ नहीं कर सकता था, 

लाल हिरनी ने उसकी ये हालत देख कर उससे कहा ,

कि तुम घबराओ मत सब ठीक ही होगा,  वैसे तुम्हारे इस संसार में आने का उद्देश्य क्या है मुझे बताओ ,

लाल हिरनी ने जैसे ही ये कहा रुन्जन को अपने सवालों का ख्याल आगया, और उसने यही सोचा कि जल्द से जल्द ,

वो अपने अपने शेष प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करले,  फिर उसके बाद वो अपनी पत्नी के साथ आज क्या हुआ ,

इस बारे में अपनी दुनिया मैं लौटने के बाद मालूम ज़रूर करेगा,

सुनहेरी घोड़े ने कहा रुन्जन, तुम क्यों न लाल हिरनी से ही अपना अगला सवाल पूछलो ,

सुनहेरी घोड़ा बोला और तुम्हारे सवाल कितने बाकी हैं ?  ज़रा ये तो बताओ , 

लाल हिरनी बोली क्या है तुम्हारा अगला सवाल ?

मेरा प्रश्न ये है कि - "राजा की प्रिय रानी का कौन है?"

लाल हिरनी बोली, राजा की सबसे प्यारी और चहेती रानी वो है जो राजा की माता का सबसे ज्यादा ख्याल रखती है,

एक व्यक्ति को, उसकी पत्नी का ये व्यवहार सबसे ज्यादा प्री लगता है,

 कि उसकी पत्नी उससे भी बढ़ चढ़कर उसकी माँ का ध्यान रखती हो,

सवाल का जवाब प्राप्त करने के बाद घोड़ा और रुन्जन जाने लगे तभी अचानक से महल में भग-दड़ मच गई,

बाकी हिरनियाँ जोर जोर से चिल्लाने लगी, हमला हो गया है भागो भागो.

तभी लाल हिरनी गरजदार आवाज़ में चिल्लाई - क्यों बुज़दिलों की तरह भागते हो?

रुको और एकता के साथ मुकाबला करो. एक दूसरी हिरनी ने चिल्ला कर कहा - 

रानी साहेबा , शेरों  के झुण्ड ने हमला कर दिया है, वो बस किले तक पहुँचने ही वाले हैं,

रानी हिरनी बोली रो मत, हम उनका मुकाबला करेंगे ,

इस तरह भागते रहेंगे तो हमे कोई और पनाह नहीं देगा,  एक एक कर के सारे मारे जाएंगे ,

और वो किले तक पहुंचे उससे पहले हम उन तक पहुँच जाते हैं , हम किले के बाहर जाकर उनका सामना करेंगे उन्हें खदेड़ देंगे, इस तरह सब हिरनियाँ जमा होकर रानी हिरनी के पीछे पीछे चलने लगीं ,

हिरनिया किले के बाहर खुले मैदान में ,एकता के साथ एक कतार में खड़ी हो गईं. शेरों की फ़ौज जैसे ही उनके पास पहुंची ,

वो हिरनियों की हिम्मत देख कर दंग रह गई,  शेरों का राजा आगे आया और अपनी फौज को ललकार कर बोला - हमला करो. लेकिन दूसरे  सभी शेर हमला करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए , उन्हें अबतक भागते हुए शिकार पर हमला करने की आदत थी,  इस किले की रानी की हिम्मत देख वो दंग रह गए , आखिरकार राजा शेर ने भी मौके की नज़ाकत को समझ लिया ,और अपने क़दम पीछे हटा लिए और वापस जंगल की ओर चले गए,

ये सब देख कर रुनजन घोड़े से कहने लगा, ये बात में अवश्य ही अपने राजा को बताऊँगा, हम इंसानों को भी इससे प्रेरणा लेना चाहिए, 

एकता में ही जीत है, अब इसके बाद सुनहेरी घोड़ा और रुनजन , दोनों ने आगे का सफर शुरू किया,

घोड़ा कहने लगा तुम जानते हो, आगे  तुम्हारा ये सफर अब और भी कठिन होने वाला है ,

तुम्हारा प्रश्न जितना जटिल होगा उससे भी कहीं बढ़ कर तुम्हारी यात्रा दुश्वारियों से भरी होने वाली है,

जैसे ही घोड़े ने ये कहा अचानक से ये दोनों ज़मीन में धंस गए , और एक बवंडर में फंस गए ,

जो उन्हने ज़मीन के नीचे  ही नीचे ले जा रहा था,

 जोर की आवाज़ के साथ दोनों  एक गुफा में गिर गए, रुनजन बोला यार ऐसा लग रहा है हड्डी पसली टूट चुकी होगी,  लेकिन दोनों ने देखा की वो सही सलामत थे.

गुफा में चार रस्ते हैं  एक अज-नबी सी स्त्री की आवाज़ उन्हें सुनाई दी,

घोड़ा , मगरमच्छ, सांप, जिराफ  ये चार जानवर हैं और ये तुम्हे इस गुफा के अन्दर जाने पर मिलेंगे अब तुम जिस गुफा को चुनते हो तुम्हारी किस्मत किसी भी गुफा के दरवाज़े पर किसी का भी नाम नहीं लिखा सब दिखने में एक जैसे हैं, तुम्हे तुम्हारी किस्मत आज़माना होगी.

हाँ तुम्हारे लिए आसानी ये है कि,

 तुम्हे ये चार तस्वीर दी जा रही है इन्हें तुम अगर सही सही गुफा के दरवाज़े पर लगा देते हो तो वो दरवाज़ा खुल जायेगा और अगर गलत लगाते हो तो वो दरवाज़ा फिर नहीं खुलेगा.

रुनजन सुनहेरी घोड़े से बोला यार ये कैसी दुविधा है अब क्या करें, चलो तुम ही बताओ कौन सबसे पहले किस जानवर का चित्र किस गुफा में लगाना चाहिए,

घोड़ा बोला सबसे पहले सांप का चित्र उठा कर इस पहले नंबर की गुफा में लगाओ और किस्मत आज़माओ मेरे दोस्त , जैसे ही रुन्जन ने सांप के चित्र को खीँच कर गुफा के दरवाज़े पर लगाया.

(पार्ट 2 नेक्स्ट पोस्ट में )

Wednesday, 30 August 2023

खुश रहने के उपाय: खुशहाल जीवन कैसे जीएं ? How to Live Happy Life Article in Hindi ?

 खुश रहने के उपाय: खुशहाल जीवन कैसे जीएं?

हम सभी अपने जीवन में खुशहाली और सुख सुविधाओं की तलाश में रहते हैं। खुशी सिर्फ एक भावना या अहसास नहीं, बल्कि यह एक सफर है जिसमें हम अपने अंदर की वो न दिखने वाली चीज़ जिसे हम रूह या आत्मा कहते हैं के साथ ताल मेल करते हुए अपने आस-पास की सकारात्मकता को देखते हैं, पोज़िटिविटी को महसूस करते हैं और नेगेटिविटी के अहसास से दूर होते हैं । यहाँ पर हम कुछ टिप्स दे रहे हैं  जो आपकी मदद कर सकते हैं खुशहाल जीवन जीने में, ये आपके सवाल का जवाब हो सकता है कि हम एक बेहतर ज़िन्दगी कैसे जिए ?

पॉज़िटिव थिंकिंग : आपकी सोच आपकी जिंदगी को प्रभावित करती है। ज़िन्दगी में मुसीबतें सकारात्मक सोच आपको दिक्कतों का सही समाधान ढूंढने में मदद करती है और आपकी मानसिकता को उत्तरदायित्वपूर्ण बनाती है।

Happy Life


स्वास्थ्य पर ध्यान: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य आपके खुशहाल जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। योग और ध्यान जैसे प्रायामिक अभ्यास से आप तंदरुस्त और मनोबलवान रह सकते हैं। रोज़ सुबह 10 से  15 मिनिट हल्की वर्जिश करना भी आपकी सेहत को बनाये रखने के लिए एक बड़ी भूमिका निभा सकता है.

रिलेशन शिप को मेंटेन करना : जब कोई चीज़ हमारे पास होती है तब हमें उसकी क़द्र नहीं होती उसकी क़द्र उन लोगों से से पूछिए जिनके पपास वो चीज़ नहीं है जो आपके पास है, ठीक इसी तरह जब हमारे इर्द गिर्द परिवार और दोस्त होते हैं हम उनको ठीक से टाइम नहीं देते हैं जबकि परिवार और मित्रों के साथ समय बिताना आपकी खुशियों को दोगुना कर सकता है। सकारात्मक संबंध बनाने और बनाए रखने में लगन और समय निवेश करना महत्वपूर्ण है।

नए अनुभव: जब किसी की ज़िन्दगी में कुछ नया होना बंद हो जाता है तब अपने आप ही लाइफ में बोरियत महसूस होने लगती है, इस लिए हमेशा कुछ नया करना और इसके लिए नई चुनौतियों का सामना करना और नए अनुभव प्राप्त करना आपकी ज़िन्दगी को रोमांचक बना सकता है।

धैर्य और सहयोग: हम हमेशा दूसरों को पेशेन्स यानि सब्र और धैर्य बनाये रखने की सलाह देते रहते हैं और इस तरह की नसीहत अपने आप को नहीं करते ठीक इसी तरह हम हमेशा दूसरों से ही सहयोग की उम्मीद रखते हैं और बहतु काम ही लोग हैं जो दूसरों को सहयोग और मदद करने के बाए मं सोचते हैं जबकि हमें चाहिए कि जीवन में किसी भी परिस्थिति का सामना हो धैर्य से काम लें और दूसरों की मदद करने से पीछे न हटे फिर देखिये ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है | 

ज़िम्मेदारियों को निभाना : जब कभी हमरे जीवन में हम पर ज़िम्मेदारी आ जाती है तो कुछ लोग उसे बोझिल मन से पूरा करते है और कुछ लोग लापरवाही से काम लेते है लेकिन ज़िम्मेदारी को पूरे मन, शरीर और आत्मा के साथ काम करने में समर्पित रहकर पूरा करना आपके जीवन को अधिक अर्थपूर्ण बना सकता है।

खुशहाल जीवन जीने के लिए ये उपाय आपकी मदद कर सकते हैं। याद रखें कि खुशहाल जीवन का मतलब सिर्फ सामाजिक स्थिति या वित्तीय सफलता नहीं, बल्कि आपकी आत्मा के संतोष का स्तर यानी सेल्फ सटिस्फैक्शन का लेवल तय करता है कि आप का जीवन खुशहाल है या नहीं।

Summary In English : in Short, Living a happy life is a pursuit shared by many. Happiness is more than an emotion; it's a journey where we connect with our inner selves and embrace positivity around us. Strategies for a joyful life include cultivating a positive mindset, setting clear goals, and focusing on self-care for both physical and mental well-being. Building meaningful relationships with loved ones and tackling new experiences with patience and support are vital. Dedication to personal growth and dedicating ourselves fully to tasks also contribute to a fulfilling life. Remember, happiness isn't solely about social status or material success; it's about finding contentment and stability within ourselves. By following these methods, we can enhance our capacity to lead a truly joyful life.