Saturday, 5 May 2018

छोटे बच्चो को सुबह जल्दी उठाने के तरीके | how to get up children early morning



छोटे बच्चो को सुबह जल्दी उठाने के तरीके | how to get up children early morning
सुबह जल्दी न उठना बच्चे क्या बड़ो के लिए भी एक समस्या ही है, ठीक इसी तरह छोटे बच्चों का सुबह जल्दी न उठना एक आम समस्या है और अक्सर बच्चों की मम्मी को इस प्रॉब्लम से काफी जूझना पड़ता है क्यूंकि उन्हें अपने बच्चो को समय पर स्कूल भेजना होता है, आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में इसी टॉपिक पर कुछ ऐसे तरीके बताएंगे जिन्हे आज़मा कर आप अपने बच्चो को जल्दी उठा सकते है , ये ऐसी बाते है जिन्हे बहुत से लोग बड़ी सरलता से ले लेते है यानी वो इन्हे नज़र अंदाज़ कर देते है जबकि इन ही बातो को अगर अमल में लाया जाये तो आपका बच्चा हमेशा जल्दी उठने का आदि हो जायेगा।
पूरी नींद - सबसे पहल काम ये करे की बच्चे की पूरी नींद का ख्याल रखे एक्सपर्टस  के मुताबिक बच्चों को हम बड़ो से ज्यादा नींद चाहिए होती है अगर हम बात करे स्कूल जाने वाले बच्चों की यानी 5 से 10 की Age ग्रुप के बच्चों की तो उन्हें कम से कम 9, 10  घंटे नींद लेना ज़रूरी होता है तभी उनकी नींद पूरी होगी और वो फ्रेश महसूस करेंगे तो इसका मतलब ये है की बच्चों को अगर सुबह जल्दी उठना है तो फिर उन्हें नाईट में ऐसे टाइम पर सुलाए की उन्हें 9, 10  घंटे की नींद मिल जाये फिर देखिये आप का बच्चा सुबह सवेरे कैसे फटाक से उठ जाएगा. हालाँकि जैसे जैसे बच्चे बड़े होते जाते है उनके सोने की अवधि काम होते जाती है यानी फिर वो काम सो कर भी फ्रेश महसूस करते है.
वातावरण - अक्सर देखा ये गया है की हम बच्चों को सोने का कहते है लेकिन बड़े खुद जागते रहते है ऐसे में बच्चा भी सो नहीं पाता  है और कई बार ऐसा भी होता है बच्चे को नींद नहीं आती है इन दोनों हालात में आप को भी अपने बच्चे के लिए कुछ क़ुरबानी देना होगी जैसे बच्चे के लिए सोने का माहोल बनाये और कोई शोर गुल न करे या फिर आप भी जल्दी सोने की आदत दाल ले और अगर आप का बच्चा समय पर नहीं सो रहा है उसे नींद नहीं आ रही है तो उसे सोलाने की कोशिश करते हुए कोई अच्छी से कहानी सुनाये ऐसे में बच्चे को टाइम पर नींद आजायेगी इस तरह कुछ दिनों बाद बच्चा खुद टाइम पर सोने का आदि हो जायेगा.
सुबह का उजाला - जिस तरह रात होने पर अँधेरा हो जाता है और हमें कुदरती तौरपर नींद आने लगती है ठीक इसी तरह मॉर्निंग होने पर जो उजाला होता है उससे नींद खुल जाती है इस लिए अगर बच्चो को मॉर्निंग में जल्दी उठाना है तो फिर अपने घर में रूम में विंडो खोल दे ताकि सुबह की रौशनी बच्चे की आँखों पर पड़े इस तरह बच्चा सुबह जल्दी से उठ जायेगा.
लज़ीज़ नाश्ता - सुबह बच्चे को जल्दी उठाना है तो एक तरीका ये भी इस्तेमाल कर सकते है कि  उसे सीधे सीधे ये न कहे की चलो स्कूल जाना है बल्कि आप उसे ये कहे कि चलिए उठिये  नाश्ता तय्यार हो रहा है उठ जाओ आज तो आपके लिए लज़ीज़ नाश्ता बनाया है, गोबी के पराठे, या जोभी बच्चे पसंद करते हो.
मार पीट न करे - बच्चे को सुबह मारने, पीटने और डांटने की गलती हरगिज़ न करे अगर आप ने उनको डांट डपट कर उठाया इस तरह अगर बच्चा उठ भी गया तो फिर उसका मूड ठीक न होने की वजह से वह काफी सुस्ती दिखायेगा  और हो सकता है की फिर वो स्कूल को लेट हो जाये और वेसे भी बच्चो को ज्यादा दांते और मारने पीटने से बच्चे और जिद्दी हो जाते है.
प्रिय पाठको उम्मीद है आपको हमारे ब्लॉग की ये हिंदी पोस्ट पसंद आई हो गई इस टॉपिक पर हमारा एक वीडियो भी है जो हमारे "Hindi Urdu English Tutorial" YouTube Channel पर मिल जायेगा।

Sunday, 29 April 2018

बुद्दिमान इन्सान की कहानी | Kids Moral Story in Hindi Urdu

छोटे बच्चों के लिए बुद्दिमान इन्सान की कहानी  | Kids Moral Story in Hindi Urdu
एक बार की बात है इन्सान था वह पानी भरने के लिए एक कुएं के पास गया और उसने पानी निकालने के लिए कुए में अपनी बाल्टी डाली और पानी भरने लगा तभी उस इंसान ने देखा कि पानी के साथ साथ एक शीशा भी बाल्टी में आ गया है वो इन्सान शीशे की बोतल देखर हैरानी में पड़ गया, उसने बोतल के ढक्कन को जैसे ही खोला, ढक्कन खोलते ही सर्र ... करके काले बदल की तरह धुँआ बाहर निकल आया और फिर इस धुएं में से एक जिन बाहर आगया इन्सान जिन को देखर डरने लगा जिन बड़े ही जोर जोर से हँसे लगा और फिर कहने लगा कि  - हम जिन्न तुम इंसानों से ज्यादा ताकतवर होते हैं कई साल पुरानी बात है जब लोग मुझ से डरते थे लेकिन तुम जैसे दिखाई देने वाले एक चतुर इंसान ने मुझे इस शीशे की बोतल में बंद कर के इस कुएं में फेंक दिया था लेकिन आज तुम ने मुझे फिर से बहार निकनले का मौका दे दिया है अब मैं अपनी ताकत तुम्हे दिखाऊंगा.
वह इन्सान जिन को देख कर पत्थर की तरह खड़ा ही रहगया और कुछ नहीं बोल पाया.
जिन्न फिर से कहने लगा और अब मैं तुम्हे मारकर अपना बदला पूरा करूंगा लेकिन मारने से पहले मैं तुम्हे एक अवसर ज़रूर दूंगा वो ये कि - अब तुम्हे मुझे किसी एक काम का हुक्म देना होगा लेकिन ये बात भी याद रखना जैसे ही मेरा काम पूरा होगा मैं तुम्हे ख़त्म करदुंगा – और तुम ये तो जानते ही हो की हम जिन्न हर काम को चुटकी में पूरा कर देते हैं.
वोह इंसान मन ही मन अपने मालिक से मदद मांगने लगा तभी उसे एक तरकीब सूझी और उसने जिन्न से कहा कि - अगर ऐसी बात है तो मैं तुम्हे एक छोटे से काम का हुक्म देता हूँ बस तुम किसी एक कुत्ते की दुम सीधी कर के दिखा दो और अगर तुम ने ये कर दिया तो बस फिर तुम मुझे मार देना.
जिन्न जोर जोर से हंसने लगा और कहने लगा कि ये तो मै अभी करदुंगा और पलक झपकते ही वो एक कुत्ते को ले आया और फिर लगा कुत्ते की दुम सीधी करने लेकिन जिन जैसे ही कुत्ते की दुम सीधी करता वो फिर टेडी हो जाती, जिन्न फिर दुम सीधी करने लगता लेकिन फिर दुम टेडी हो जाती आखिर वो समझ गया की कुत्ते की दुम हमेशा टेडी ही रहती है और इस तरह उसने अपनी हार मान ली और इंसान से बोला –
आज मैं ये मान गया हूँ की मालिक ने इंसानों को समझ और तेज़ दिमाग देकर उन्हें हम जीनो से भी  ज्यादा ताकतवर बनाया है, तभी समझदार इंसान कभी भूत और जीनो से नहीं डरते है, मैं तुम से माफ़ी मागता हूँ , मुझे माफ़ करदो अब मैं किसी को नहीं सताऊंगा.
जिन्न की ये बाते सुनकर इंसान कहने लगा -
ऐसा है तो तुम फिर से इस बोतल में चले जाओ ताकि दोबारा से किसी इन्सान को परेशां न कर सको
और फिर वोह जिन्न फिर से बोतल के अन्दर चला गया.
हमे इस कहानी से क्या सबक मिलता है ?
इस कहानी से हमे ये शिक्षा मितली है कि इंसान अगर मालिक को याद कर के किसी भी मुसीबत का सामना बिना डरे करता है तो उसे सफलता ज़रूर मिलती है.

Saturday, 10 February 2018

एक प्रेरणादायक कहानी हिंदी में, Motivational Story in Hindi

एक प्रेरणादायक कहानी हिंदी में, एक ऐसी कहानी जिसे एक बार पढ़ लेने के बाद आप की जिंदगी में बहुत positive change आजायेगा.
चाहे आप छोटे बच्चे हों, बहुत यंग हो छात्र हों या व्यापारी हो मैं आज जो स्टोरी आपके साथ शेयर करने जा रहा हूँ अगर इसे आपने Cool Mind के साथ अपने दिमाग में बैठा लिया तो ग्यारंटी है कि आपकी लाइफ पहले से बेहतर हो जाएगी बदल जाएगी,आप एक सफल व्यक्ति, कामयाब इन्सान बन जायेंगे.
ये Motivational Story in Hindi, स्टोरी है एक ऐसे शख्स कि जिस पर बहत से लेखकों ने छोटी बड़ी किताबे लिखी है और इन्टरनेट पर मोजूद कुछ भरोसेमंद वेबसाइट पर ये जानकारी आपको मिल जाएगी.
एक शख्स जिसका नाम लास्ट में बताया जायेगा, पहये इस शख्स के काम कि यानी कारनामे कि बात करते हैं.
केपटाउन की मेडिकल university को मेडिकल कि दुनिया में एक खास मुकाम हासिल है, दुनिया का सबसे पहला बाई पास आपरेशन इसी university में हुआ था.
आप को ये जानकर बड़ी हैरानी होगी कि इसी university ने एक ऐसे इन्सान को Master of Medicineकी डिग्री दी जिसके बारे में ये कहा जाता है कि वो बहुत कम पढ़ा लिखा है या कभी स्कूल गया ही नहीं और ना ही इंग्लिश पढ़ना जनता है.
जिसके बारे में प्रोफेसर डेविड डेंट ने कहा था कि हम एक ऐसे शख्स को मेडिसिन कि मास्टर डिग्री दे रहे है जिसने दुनिया में सबसे ज्यादा सर्जन पैदा किये. जिसने मेडिकल साइंस और वैज्ञानिको को हैरान कर दिया.
ये शख्स केपटाउन से दूर एक छोटे से गांव में रहता था, ये चरवाहे यानी भेड़ बकरियों को चराने वाले एक गरीब परिवार का बच्चा था. एक दिन इनके पिताबहुत बीमार हो गए तो फिर छोटी सी उम्र में ही इनके कंधो पर कमाने का बोझ आ गया और ये काम करने के लिए केपटाउन आ गए, यहाँ केपटाउन university का  construction का काम चल रहा था या इन्हें मजदूरी का काम मिल गया कुछ सालों बाद जब ये मेडिकल university बन कर कम्प्लीट हो गई तब फिर इन्हें इस universityके गार्डन में घांस काटने यानि माली कि नोकरी मिल गई, कुछ साल गुजरने के बाद फिर अचानक से इनकी ज़िन्दगी में एक ऐसा चेन्ज आया जहाँ से ये मेडिकल कि दुनिया के उस स्तर पर पहुँच गए जहां आज तक कोई नहीं पहुँच पाया.
हुआ ये की केपटाउन की मेडिकल univercity के प्रोफेसर रोबर्ट जो कि जिराफ के बारे में ये रिसर्च कर रहे थे कि जब जिराफ पानी पिने के लिए अपनी गर्दन झुकाता है तो बेहोश क्यूँ नही होता है? अब जब ओपरेशन थियेटर में जिराफ को रिसर्च के लिए टेबल पर लिटाया गया तो प्रोफेसर रोबर्ट और डॉक्टर की टीम को जिराफ को अच्छे से पकड़ने के लिए एक ताकतवर इन्सान कि ज़रूरत महसूस हुई वो ओपरेशन थियेटर से बहार आये और उन्होंने एक शख्स को घांस काटते हुए देखा और उसे बुलाया और जिराफ की  गर्दन पकड़ने के लिए कहा ये ओपरेशन तकरीबन 8 घंटों तक चलता रहा, डॉक्टर्स टी और काफी के लिए ब्रेक करते रहे लेकिन ये शख्स अपने काम पर लगा रहा. अब जब ओपरेशन ख़त्म हो गया तो इन्हें जाने के लिए कह दिया गया लेकिन फिर ये अपनी ड्यूटी यानी घास काटने के कम को पूरा करने में लग गए.
next डे फिर डॉक्टर ने उन्हें बुला लिया और ये भाई साहब जिराफ कि गर्दन पकड कर खड़े हो गए और जब ये काम  ख़त्म हो जाता तो फिर बाद में  ये अपना काम पूरा करने में लग जाते ये सब अब इनका रोज़ का रूटीन बन गया.
रोजाना univrsityआने के बाद ओपरेशन थियेटर में जब किसी जानवर को पकड़ना होता तो ये काम भी करते और घांस काटने का अपन काम भी करते यानी एक्स्ट्रा टाइम करते डबल काम करते लेकिन तनख्वा एक काम ही की मिलती थी. लेकिन इस इन्सान ने ये कभी नहीं कहा कि ये मेरा काम नहीं है, मैं ऐसा क्यों करूँ?
अब एक दिन ऐसा आया कि डॉक्टर बर्नाडकेपटाउन university में  इंसानों के हार्ट ट्रांसप्लांट के ओपरेशन करने लगे, ये साहब जो अब तक घांस काटने वाले एक माली थे इन्हें अब इस लैब में डॉक्टर बर्नाड का असिस्टेंट बना दिया गया.
अब इस शख्स की खूबी ये थी कि वो डॉक्टर के ज़रिये किये जाने वाले ऑपरेशन को बड़ी दिल चस्पी से देखता ऑपरेशन के बाद टांके लगाने का काम इन्हें दे दियागया एक दिन में कई कई मरीजों के ऑपरेशन होते और ये बड़ी गौर से इन ओपरेशन को देखते और बड़ी सफाई के साथ टांके लगाते देखते ही देखते इनका एक्स्प्रीयेंस इतना बढ़ गया कि फिर इन्हें जूनियर्स डॉक्टर्स को ट्रेनिंग देना का काम दे दिया गया.
इस शख्स ने कभी मेडिकल थ्योरी नहीं पढ़ी थी लेकिन ये अब एक बेस्ट सर्जन बन चूका था.
अब लाइफ में फिर एक ज़बरदस्त टर्न आया १९७० में जब लीवर पर रिसर्च शुरू की गई तो ऑपरेशन के वक्त डॉक्टर्स को इन्होने लीवर के बारे में एक ऐसा पॉइंट बताया ऐसी जानकारी दी जीसे लीवर ट्रांसप्लांट काफी इजी होगया, इनकी इस जानकारी ने मेडिकल कि दुनिया के बड़े बड़े वैज्ञानिको को चौंका दिया.
अब जब भी कभी कोई पेशेंट लीवर ट्रांसप्लांट से ठीक होता है तो इसका श्रेय इन्ही को जाता है.
आखिर वो राज़ क्या था? जिससे ये गरीब घराने का एक मजदूर एक सफल सर्जन बन गया.
वो इस शख्स कि कड़ी मेहनत और लगन थी, कहा जाता है कि 50 साल तक इस शख्स ने केपटाउन University में काम किया लेकिन कभी छुट्टी नहीं बनाई, टाइम के बड़े ही पाबन्द थे, ये ऑपरेशनथियेटर में कभी 5 मिनट तक लेट नहीं पहुंचे लोग इनके आने जाने को देखर अपनी घड़ी के टाइम को सेट करते थे. इन्होने अपनी सेलरी बढ़ाने को लेकर कभी को शिकायते नहीं की काम के टाइम में कमी की कोई बात नहीं की इसीलिए इन्हें अपनी लाइफ में सफलता का कामयाबी का वो मुकाम मिला जिसमे पैसा और शौहरतकी कोई कमी नहीं थी.
एक हाँ जिसने उसे सफल इन्सान बना दिया जब वो अपने घास काटने के काम में लगा हुआ था और उसे प्रोफेसर रोबर्ट ने जिराफ कि गर्दन पकड़ने के लिए बुलाया तब अगर ये साहब कह देते कि जनाब मैं तो एक माली हूँ मेरा काम सिर्फ घांस काटना है तो अफ्रीका में पैदा हुए ये साहब जिनका नाम हैमिलटन नाकि है माली ही रहते ज़िन्दगी में कभी सर्जन नहीं बनते, कामयाब नहीं होते.
दोस्तों, हर बेड़े कम कि शुरुआत छोटे काम से ही होती है बस ज़रूत होती है कड़ी मेहनत और लगन की.